पटना: बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. अमरदीप एवं सदस्यगण डॉ. हुलेश मांझी, संगीता ठाकुर, डॉ. ज्योति कुमारी, शीला पंडित, डॉ. सुग्रीव दास व राकेश कुमार सिंह के द्वारा “बाल अधिकार संरक्षण सप्ताह” का आयोग के प्रांगण में दीप प्रज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया गया।
इस दौरान पाँच जागरूकता वाहन (ई-रिक्शा) को हरी झंडी दिखाकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों के अधिकारों एवं उनके संरक्षण और देय सुविधाओं के प्रचार-प्रसार हेतु रवाना किया गया।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अमरदीप ने इस मौके पर कहा कि जैसे बाल दिवस बच्चों का, बच्चों से और बच्चों के लिए है, वैसे ही बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी बच्चों का, बच्चों से और बच्चों के लिए है। बच्चे ही देश का भविष्य हैं और उनके जीवन को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए आयोग को काम करना है।
डॉ. अमरदीप ने बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल भिक्षावृत्ति, बच्चों के द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन, ऑनलाइन गेम की लत आदि की चर्चा करते हुए कहा कि जहाँ कहीं कोई बच्चा किसी भी तरह के शोषण का शिकार दिखे तो तत्काल आयोग के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें। उन्होंने बताया कि आज से विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत हो रही है जो अगले एक सप्ताह तक सभी जिलों में चलना है। 20 तारीख को आयोग के द्वारा समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।
सदस्य शीला पंडित ने बच्चों के अधिकार के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार के द्वारा बच्चों को 14 वर्ष की आयु तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। शिक्षा के द्वारा ही समाज का विकास एवं प्रगति संभव है।
संगीता ठाकुर ने कहा कि बच्चों को मोबाईल के उपयोग एवं हानि के संबंध में जानकारी दी जानी चाहिए। डॉ. हुलेश मांझी ने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं। अमीरी और गरीबी बच्चों के विकास में कभी बाधक नहीं बन सकती। डॉ. सुग्रीव दास ने कहा कि बच्चों को हर बुराई से दूर रखना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने बच्चों के समग्र विकास की बात कही। साथ ही उन्हें नशा से दूर रहने का संदेश दिया। राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बच्चे अगर ठान लें तो वे किसी भी ऊँचाई को छू सकते हैं और किसी भी पद पर पहुँच सकते हैं। डॉ. ज्योति कुमारी ने कहा कि बच्चे एवं बच्चियों के बीच भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। दोनों को विकास का समान अवसर मिलना चाहिए।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों एवं संस्थानों के बालक-बालिका, उनके साथ आए हुए शिक्षक एवं समन्वयक, मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि तथा आयोग के पदाधिकारीगण – कविप्रिया, किरण बाला, अलका आम्रपाली, सीमा रहमान, अनिता, पिंकी, प्रशांत एवं राजेश किशन – मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन बाल संरक्षण पदाधिकारी कविप्रिया ने किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. अमरदीप एवं सभी सदस्यों के द्वारा पाँच जागरूकता वाहन (ई-रिक्शा) को हरी झंडी दिखाकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों के अधिकारों एवं उनके संरक्षण और देय सुविधाओं के प्रचार-प्रसार हेतु रवाना किया गया। इसके साथ ही स्लम के 30 बच्चों के बीच शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल संबंधी किट का वितरण किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों एवं उनके अभिभावकों को शिक्षा के महत्व एवं स्वास्थ्य देखभाल की जानकारी देना था। इस अवसर पर आयोग के प्रांगण में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था, जिससे बच्चे काफी खुश हुए।
आयोग के परिसर में विभिन्न विद्यालयों एवं संस्थानों से आए हुए बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। सभी प्रतियोगिताओं के लिए आवश्यक सामग्री जैसे- रंगोली हेतु रंगों का किट, चित्रकला हेतु स्केच पेन एवं कार्डबोर्ड पेपर एवं निबंध हेतु कलम एवं कागज आदि का वितरण बच्चों के बीच नि:शुल्क किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी बच्चों को आयोग के द्वारा प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा। साथ ही प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित बच्चों/ संस्थाओं को समापन समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।