पटना: कैंसर दुनिया भर में व्यस्कों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। हर साल लगभग 1.4 करोड़ नए कैंसर के मामले आते है, जिसमें लगभग 80 लाख व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से 85 प्रतिशत कैंसर के मरीज विकासशील देशों में रहते हैं।
भारत में बच्चेदानी के कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। विश्व में प्रत्येक 5 मरीजों में से एक मरीज भारतीय है। कैंसर ज्यादातर 26 से 38 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं को ग्रसित करता है। विभिन्न प्रकार के कैंसर से होने वाली मौतों में लगभग 17 प्रतिशत मौतें बच्चेदानी के कैंसर से होती है। सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका तात्पर्य सर्विक्स में प्रारम्भ होने वाले कैंसर से है। सर्विक्स कैंसर को आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी का कैंसर कहा जाता है। इस कैंसर का मुख्य कारण एक विषाणु है, जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus HPV) है, जिससे बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। राज्य सरकार जनमानस को टीकारोधी बीमारियों से बचाव हेतु निरंतर प्रयासरत है, जिसके तहत समय समय पर राज्य में नये टीकों को नियमित टीकाकरण में सम्मिलित किया जाता रहा है। वर्तमान में नियमित टीकाकरण अन्तर्गत बच्चों को 12 प्रकार की जानलेवा टीकारोधी बीमारियों यथाः पोलियो, गलघोंटू, काली खाँसी, टीबी, टेटनस, हीमोफिलस इंफुलेंजी-टाइप-बी, न्यूमोनिया, हेपेटाइटिस-बी, जापानी इंसेफलाइटिस, रोटा वायरस, खसरा एवं रूबैला से बचाव के लिये आच्छादित किया जा रहा है। टीकाकरण के इस कड़ी में आज दिनांक 06 अक्टूबर 2024 को बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus HPV) के संक्रमण से बचाव हेतु “मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना” के तहत 09 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग
की बालिकाओं हेतु HPV टीकाकरण का शुभारम्भ किया गया है। जिसकी शुरुआत उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आईजीआईएमएस से शुरुआत की। जिसमें किशोरी को टीका देकर किया गया। उन्होंने कहा कि
यह टीका ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से लड़ने में मदद करेगा, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। किशोरावस्था में लड़कियों को एच.पी.वी. वैक्सिन प्रदान करना अत्यंत प्रभावी होता है, क्योंकि इस उम्र में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्रिय और मजबूत होती है। बालिकाओं को इस वैक्सिन की दो खुराक से छः माह के अन्तराल पर टीका दिए जाने से इस बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास शरीर में हो जाता है। यह टीकाकरण पूरी तरह से निःशुल्क है। कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामले में देश में बिहार राज्य चौथे स्थान पर है। बिहार में प्रतिवर्ष लगभग 1.40 लाख नये मामले आते हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु 9 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग के सभी बालिकाओं को HPV वैक्सिन से टीकाकरण कराये जाने से 98 प्रतिशत तक इस कैंसर से बचाव हो सकता है। प्रथम चरण में राज्य के पांच जिलों पटना, नालंदा, सिवान, पूर्णिया एवं मुजफ्फरपुर में किया जा रहा है। इस वैक्सिन की दो खुराक 9 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग में सभी बालिकाओं को निःशुल्क दी जायेगी एवं राज्य में लगभग 95 लाख बालिकाओं को HPV टीका से आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है।