बिहार के सभी विद्यालयों का नवम्बर एवं मार्च में किया जाएगा रैंकिंग, शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय

पटना: शिक्षा विभाग विद्यालय में गुणवता शिक्षा को लेकर तरह तरह कार्य कर रही है। शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ गाइडलाइन जारी किया है।

जिसमें कहा गया है कि बिहार सरकार राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु प्रतिबद्ध है। इस संबंध में विद्यालयों में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका बच्चों के समग्र विकास को सकारात्मक दिशा प्रदान करती है। विद्यार्थियों के शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार का परिमार्जन आवश्यक है। राज्य के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय एवं शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों का वर्ष में दो बार क्रमशः नवम्बर एवं मार्च में रैंकिंग कराने का निर्णय लिया गया है।

इस विभाग 08.08.2024 द्वारा “शिक्षक मार्ग-दर्शिका निर्गत किया गया है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश हैं। उसी क्रम में विद्यालयों के रैंकिंग के लिए प्राथमिक/ मध्य तथा माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार किये गये है. जिसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों यथा-शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण, सह-शैक्षणिक गतिविधियों इत्यादि के लिए भारांक तय किये गये हैं, जिसका कुल योग 100 है। उक्त रैंकिंग की प्रविष्टि सभी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में बाध्यकारी रूप से की जाएगी।

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