अविनाश कुमार सिंह, पटना: अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के डॉ० एस० सिद्धार्थ ने बिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि राज्य के सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन को सेवा पुस्तिका में अंकित किया जाएगा।
पत्र में कहा गया कि 18.09.2024 से बिहार के सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में अद्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की जा रही है। शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुये इस परीक्षा हेतु प्रत्येक विद्यालय में वीक्षण का कार्य दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा किया जायेगा तथा उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन भी दूसरे विद्यालय के शिक्षकों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य यह है कि सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परीक्षाफल यह प्रतिबिंबत करेगा कि उक्त विद्यालय के शिक्षक द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता कैसी है। शिक्षकों द्वारा किये जा रहे शिक्षण का मूल्यांकन का आधार उस विद्यालय में अध्ययनरत्त छात्र/छात्राओं के परीक्षाफल पर निर्धारित करने हेतु शैक्षणिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन तैयार करने तथा इसकी प्रविष्टि संबंधित शिक्षक के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज करने का निर्णय लिया गया है।
इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश अलग से जारी किये जायेंगे। उक्त निर्णय के आलोक में सितम्बर, 2024 में सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में आयोजित की जानेवाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा का महत्व छात्र/छात्राओं तथा शिक्षकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है। अतः सभी शिक्षकगण से अपेक्षा की जाती है कि इस वर्ष के अर्धवार्षिक परिक्षा का सिलेबस परीक्षा के पूर्व समय पर पूर्ण करेंगे। यदि आवश्यक हो तो इस कार्य के लिए संबंधित शिक्षकगण अतिरिक्त कक्षा का भी आयोजन कर सकेंगे। ताकि संबंधित विद्यालय छात्र/छात्राओं इस अर्धवार्षिक परीक्षा में अच्छे अंको से सफल हो। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य शिक्षा एवं शिक्षण की गुणवत्ता में गुणात्मक सुधार करना है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह निदेश दिया जाता है कि इस निर्णय से सभी शिक्षकों को अतिशीघ्र अवगत कराएँ।