संस्कृत कॉलेज के अधीनस्थ भू-सम्पदा का तीस वर्षों तक का हिसाब हो : सुबोध यादव

अवध बिहारी संस्कृत कॉलेज,रहीमपुर की भू- सम्पदा को संरक्षण व संवर्धन की जरूरत : शास्त्री

खगड़िया: जदयू के जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने शहर के एक होटल परिसर में प्रेसवार्ता आयोजित कर बताया कि खगड़िया सदर प्रखण्ड के रहीमपुर उत्तरी पंचायत अंतर्गत कुम्हरचक्की ढ़ाला अवस्थित कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के अंगीभूत ईकाई अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय, रहीमपुर,खगड़िया की स्थापना 28 जून 1946 ई0 में हुई।

इस महाविद्यालय में दूर- दूर के छात्र यहां रहकर पढ़ाई करते थे।उस समय कॉलेज के एक हजार एकड़ जमीन से अधिक भूसम्पदा के आय से छात्रों के लिए भोजन की भी व्यवस्था थी।लेकिन 78 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी संस्कृत कॉलेज में एक अदद अतिरिक्त कमरे का निर्माण नहीं हो सका है।जबकि कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के द्वारा अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि यूं तो गत 26 फरवरी 2024 को कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पाण्डेय के कर कमलों के द्वारा भले ही अवध बिहारी संस्कृत कॉलेज में प्राचार्य कक्ष, शिक्षक कक्ष एवं वर्ग कक्ष भवन निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास तो किया गया है पर आजतक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है ।जबकि पांच वर्ष पूर्व जदयू की तत्कालीन सदर विधायक पूनम देवी यादव के द्वारा अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के गौरवशाली इतिहास को बनाये रखने के लिए कॉलेज में अतिरिक्त भवन निर्माण सहित कायाकल्प हेतु मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में आवाज उठाई गई थी ।इधर वर्त्तमान खगड़िया विधायक के द्वारा भी कॉलेज के घेराबंदी व मिट्टी भराई कार्य हुआ है।लेकिन संस्कृत कॉलेज की भू-सम्पदा को वर्षों से लोग पुरा का पुरा अपने खा रहे हैं , कॉलेज के खाते में कुछ भी नहीं जमा किये जाने की बात भी इंकार नहीं किया जा सकता है।यही कारण है कि आज अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के गौरवशाली इतिहास मिट्टी पलित होंने के कगार पर है। जिसका जिला प्रशासन स्तर पर संरक्षण और संवर्धन से ही अवध बिहारी संस्कृत कॉलेज, रहीमपुर का समुचित विकास संभव हो पायेगा।
वहीं जदयू के जिला उपाध्यक्ष सुबोध यादव ने अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के अधीनस्थ भू-सम्पदा से जूड़े तीस वर्षों के अंदर की स्थिति की जांच विशेष जांच टीम गठित कर कराने की मांग जिला प्रशासन से की है।उन्होंने कहा है कि आज जिन लोगों को संस्कृत कॉलेज की भू- सम्पदा को लूटने पर पुरी तरह से पाबंदी लग गई है वही लोग गला फार- फार कर चिल्ला रहा है।जबकि वर्त्तमान जिला प्रशासन के देख रेख में जो संबंधित कार्य हुआ है उसमें आज इस कॉलेज को आर्थिक आय में वृद्धि हुई है।उन्होंने दाबे के साथ कहा कि वर्ष 2023 से पूर्व यानी तीस वर्षों से जो इस कॉलेज के जो सिपाही थे वही व्यक्ति भक्षक बन कर संस्कृत कॉलेज की मिट्टी बेचने से लेकर भू- सम्पत्ति को लूटा है।यही कारण है कि आज इस कॉलेज की यह दुर्दशा है।
मौके पर जदयू के धीरेन्द्र कुमार , नवल किशोर यादव एवं जदयू नेता संजय गुप्ता मौजूद थे।

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