जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र ने 2023-24 में दुर्व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराए 71 बच्चे : सुरेन्द कुमार

समस्तीपुर : जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र ने देश के 400 जिलों में काम कर रहे 180 नागरिक समाज संगठनों के गठबंधन न्याय तक पहुंच कार्यक्रम का सहयोगी संगठन है। जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र नें उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए एक समग्र एंटी ट्रैफिकिंग कानून की मांग की है। वैश्विक मानव दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) विरोधी दिवस पर जहां वैश्विक समुदाय मनुष्यों के दुर्व्यापार के खिलाफ एकजुट होकर अपनीं लड़ाई को विस्तार देने की शपथ ले रहा है वहीं, बिहार के समस्तीपुर के गैर-सरकारी संगठन जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र नें इस मौके पर जारी एक बयान में ट्रैफिकिंग के उभरते तौर – तरीकों की रोकथाम के लिए एक समग्र और मजबूत एंटी ट्रैफिकिंग कानून की मांग करते हुए कहा कि उसनें पिछले वर्ष समस्तीपुर और लखीसराय जिला में ट्रैफिकिंग के पीड़ित 57 लड़कों और 14 लड़कियों को मुक्त कराया है। जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र न्याय तक पहुंच पहुंची कार्यक्रम के गठबंधन सहयोगी के तौर पर समस्तीपुर और लखीसराय जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा है।

‘न्याय तक पहुंच’ कानूनी हस्तक्षेपों के माध्यम से बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है जिसके 180 से भी ज्यादा राष्ट्रीय और स्थानीय सहयोगी गैर – सरकारी संगठन 400 से ज्यादा जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। बताते चलें कि मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के बाद मानव दुर्व्यापार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है और इसके सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे होते हैं।

संगठन नें बताया कि मुक्त कराए गए बच्चों में सबसे ज्यादा संख्या बिहार राज्य का है जहां से सबसे ज्यादा बच्चे ट्रैफिकिंग के शिकार हुए है जहां से सैकड़ों बच्चों की ट्रैफिकिंग की गई। ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान में आने वाली चुनौतियों की चर्चा करते हुए जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के सचिव सुरेन्द्र कुमार नें कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान हमने विभिन्न स्तरों पर प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद और उनकी कार्रवाइयों के नतीजे में ट्रैफिकिंग के पीड़ित 71 बच्चों को मुक्त कराया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी बदलाव देखने को मिले हैं और यह सुखद है कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की इस लड़ाई में राज्य और जिला स्तर के सरकारी अधिकारी हर कदम पर हमारे साथ हैं। भारतीय न्याय संहिता के नए खंड में ट्रैफिकिंग को एक अपराध के रूप में शामिल करना स्वागत योग्य है। इसके बावजूद देश को एक सख्त ट्रैफिकिंग विरोधी कानून की जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों के खिलाफ अंतरराज्यीय समन्वय और ट्रैफिकिंग के पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र जो जमीनी स्तर पर काम कर रहे 180 गैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन न्याय तक पहुंच कार्यक्रम का सहयोगी संगठन है। इन संगठनों नें अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 तक मिलकर बाल दुर्व्यापारियों के खिलाफ 16,084 मामले दर्ज कराए और 29,224 बच्चों को मुक्त कराया। बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलताओं और मौजूदा स्थिति पर पर एक्सेस टू जस्टिस के कंट्री हेड रवि कांत नें कहा हालांकि हम लोग दुर्व्यापारियों के चंगुल से बच्चों को मुक्त कराने के लिए सामूहिक रूप से और सफलतापूर्वक केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन अब हमारी रणनीतियों में सुधार की आवश्यकता है। ट्रैफिकिंग पर नवीनतम रिपोर्ट बताती है कि अभी और भी सुधार और नवोन्वेशन की संभावना है।

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